और लगे यह लोक सुहावना जिसे पढ़ आत्मसात करें जन जन। और लगे यह लोक सुहावना जिसे पढ़ आत्मसात करें जन जन।
कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। मधुरिम मधुरिम कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। म...
कविता क्या है ? शब्दों की क्रीड़ा है। कवि को होने वाली , प्रसव पीड़ा है। कविता क्या है ? शब्दों की क्रीड़ा है। कवि को होने वाली , प्रसव पीड़ा है...
हिंदी हमारी शान है, हिंदी हमारी जान है, इसके बिना ना यहाँ, होता कोई काम है। हिंदी हमारी शान है, हिंदी हमारी जान है, इसके बिना ना यहाँ, होता कोई काम ह...
बलात्कार पीड़िता और उसके माँ-बाप का दर्द बयान करती एक कविता... बलात्कार पीड़िता और उसके माँ-बाप का दर्द बयान करती एक कविता...
कहाँ निकली है.. जाने नींद कहाँ निकली है रात करवटों में निकली है ! कहाँ निकली है.. जाने नींद कहाँ निकली है रात करवटों में निकली है !